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कॉलगर्ल

प्रस्तुत है एक ऐसा कथानक जो आपको एक के बाद एक झटके देने तैयार है । वैसे तो मेरी हॉरर कहानियों में लगभग रहस्य के ताने-बाने होते हैं। फिर भी एक क्राइम थ्रिलर उपन्यास का प्लॉट मेरे दिमाग में काफी टाइम से फूदक रहा था । अठरा साल के एक नवयुवक ने जब मुझे यह कहा कि 'मैंने एक मर्डर कर दिया है' तब पहले तो उसकी बात पर मुझे बिल्कुल ही भरोसा न हुआ। फिर उसने जिस तरह से वह पूरा किस्सा मेरे सामने बयाँ किया। तब मैंने समझा यकीनन कुछ हुआ है, और उसके बाद मेरा दिमाग ताने-बाने बुनने में उलझ गया। उसके बाद सर्जन हुआ एक दिल धड़क रहस्य कथा  का तो चले कालगर्ल की सफर में ।

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उसने अपना फेसबुक आईडी ओपन किया। एक परिचित नाम की आईडी  प्रोफाइल को री-चेक किया। लवलीन नाम उभरा। फिर उसके नाम के नीचे कॉलगर्ल शब्द को उसने ध्यान से देखा। लवलीन के इनबॉक्स में एक मैसेज था, जो ग्रीन सिग्नल में स्पार्क हो रहा था। मैसेज को देखकर उसने तुरंत रिप्लाई किया। रोमियो :"Gm" लवलीन:" Hi GM कैसे हो?" लवलीन :" ठीक हूं ! क्या सोचा फिर मिलना है ना ?" लवलीन:  "हाँ बिल्कुल मिलना चाहती हूँ , लेकिन पेमेंट मुझे एडवांस चाहिए। जब तुम से मिलु मुझे डायरेक्ट पे कर देना। रोमियो:" Done" लवलीन:  " ठीक है फिर आज रात रिंग रोड पर बसेरा प्लाजा के आगे मैं वेट करूंगी तुम्हारा। तुम जहाँ चाहो मुझे ले जा सकते हो। रोमियो: "ओके मैं पहुंच जाऊंगा।" लास्ट मैसेज सेंड करके उसने फेसबुक पर से लॉगआउट कर दिया। लगभग काफी टाइम पहले से वह किसी ऐसी कॉलगर्ल की तलाश में था जो स्थानिक हो और अपनी इच्छासे इस धंधे में उतरी हो। और खास बात तो यह कि वो उसके उसके बिछाए जाल में आबाद फंस जाए , क्योंकि उसके दिमाग में एक जबरदस्त प्लान तैयार हो चुका था। यह सिलसिला शुरू हुआ था, एक दूसरे की नाम पूछताछ से । कुछ आना-कानी के बाद लवलीन ने बताया कि  पैसों के लिए उसने इस राह को चुना था। वह अच्छी तरह जानता था कि खून  के व्यापार में इंसान मजबूरी के चलते फंसता है। ऐसे इंसान पैसों के लिए कुछ भी कर सकते है तभी तो वो उसको हुक्म का इक्का बनाकर धारदार तलवार के रूप में  यूज कर सकता था। बस फिर उसने बार-बार फेसबुक पर लवलीन से संपर्क जारी रखा। लवलीन इनके बारे में छोटी-छोटी डिटेल उसने हासिल की। अपने प्लान के फर्स्ट स्टेप के लिए यह जरूरी भी था। उसने खास उस बात का ख्याल रखा गलती से भी लवलीन की निगाहें उसके ओरिजिनल हूलिए पर न पड़ जाए। लवलीन का मोबाइल नंबर सर्च करके उसने सूरत के मजूरा गेट एरिया में  घर का पता लगा लिया। उसकी मॉम भाई और भतिजों से छुप कर अलग-अलग एंगल से उनके फोटोग्राफ्स लिए। काफी टाइम से वह रिसर्च कर रहा था। और लवलीन पर आकर उसकी तलाश खत्म हो गई। @@@@@ दिल्ली गेट से आरंभ होने वाले रिंग रोड के होटल बसेरा प्लाजा होटल के मेन गेट पर वह खड़ी थी। पिंक कलर की साड़ी में उसका गोरा बदन पूर्णिमा के चांद की रोशनी जैसा चमक रहा था। सेम कलर के ब्लाउज में उसकी पीठ में दिल आकार के बड़े गेप से साफ-साफ उजागर हो रहे बदन को देख कर लगता था जैसे किसी  व्हेल मछली के पेट का वो नजारा  था। वहाँ से गुजरने वाले वाहनों से लोगों की निगाहे छलनी कर देने वाले अंदाज में उसे चीर रही थी। और उसे ऐसी नजरे सहने की जैसे आदत बन चुकी थी। कानों में चमकते  डायमंड के इयररिंग्स उसके लुक को काफी आकर्षक बना रहे थे। ऊंची हिल्स के पिंक सैंडल से वह खुद को काफी अनकंफरटेबल महसूस कर रही थी। बार-बार वह अपने पैरों को देखकर बैलेंस बनाए रखने की कोशिश में लगी थी। लगभग पाँच मिनट गुजरने के बाद एक ब्राउन कलर की इनोवा उसके पास आकर रुक गई। साइड मिरर खुला भीतर से लेफ्ट साइड के मिरर से घुघराले बालों वाला किसी चॉकलेटी हीरो जैसा गोल आकर्षक चेहरा दिखाई दिया। कँवारी लड़की हो या स्त्री ऐसे आकर्षक चेहरों के पीछे भागकर अक्सर खुद को छलती है। और छलती रहेगी। शुद्ध सुवर्ण मिलना नसीब की बात है। " आर यू लवली एम आई राइट?" उसकी प्रभावशाली आवाज गूंजी। बार बार सुनने का जी करें ऐसी आवाज थी। "मैम आर यू ओके?" उसे एकटुक देख रही लवलीन ने खुद को संभाला। "यस् आई एम लवलीन..!" "आपको काफी इंतजार करना पड़ा? "ओह सॉरी, नॉव कमोन।" फिर एक भी शब्द उसके मुंह से ना निकला। वह होठों पर खूबसूरत मुस्कान लिए उसके बगल में बैठ गई। उसके बदन में हल्का कंपन था। जिंदगी में पहली बार उसने गलत रास्ता चुना था। यह रास्ता उसे कहाँ ले जाने वाला था कहना मुश्किल था। कभी-कभी मुश्किले इंसान को ना चाहते हुए भी बहुत कुछ करवाती है। कभी-कभी इंसान खुद ही अपनी अतृप्त इच्छाओं की पूर्ति के लिए अपनी शराफत का नकाब उतार कर निकल पड़ता हैं। सुनहरी खुशबू का सहवास पाने के लिए। "फर्स्ट टाइम है?" एसी की ठंडक में पसीना पोछ रही लवलीन की ओर देखकर उसने पूछा। "जी जी यस..!" ऐसे आकस्मिक सवाल से वो थोडी झिझकी थी कोई अपनी मन:स्थिति को भी पढ़ सकता है इस बात का उसे पहली बार एहसास हुआ। खुद को ऐसे नर्वस होने की जरूरत नहीं है। "आई एम संकेत नाम तो जानती ही है ना.?" " जी,  आपने ही बताया था।" वह नजरें छुपा कर बाहर देखने लगी। गाड़ी दूसरे वाहनों को ओवरटेक करते हुए सरथाणा की और आगे बढ़ी। "हम कहाँ जा रहे हैं?" लवलीन के चेहरे पर व्यग्रता थी। "कडोदरा जाते हुए रास्ते में दर्शन  रोहाउस है  वहीं पर।" "पर मैं ज्यादा वक्त नहीं रुक सकती ओन्ली फॉर 60 मिनट ओके..! " "ओके.. आई नोव डोंट वरी..!" "मैं आपको जल्द वापस छोड़ दूंगा। संकेत इस वक्त कश्मीर की वादियों जैसी खूबसूरती का नजारा देखने में व्यस्त था। उसकी जवानी को  चखने के लिए उसका मन बेताब था। फेसबुक से हुआ लवलीन का परिचय अब इक कमरे की चार दिवारी के अंदर तक आ पहुंचा था। संकेत ने लवलीन के लिए एक घंटे के दस हजार फिक्स कर दिए। यह ऑफर लवलीन के लिए फर्स्ट लकी चाँस था। और वह उसे हाथ से जाने देना नहीं चाहती थी। यहाँ तो पैसों के साथ-साथ उसे आकर्षक युवक का साथ भी मिल रहा था। वैसे भी जॉब कहीं भी करो, रेडी होकर दूसरे के अट्रेक्शन की कामना करनी, और लोग नजदीक आकर भी आखिर में भरे-भरे बदन को हासिल करने की ख्वाईश रखते हैं। आखिरकार उजले चेहरों का खिंचाव छलता है। बंधन में जीने से अच्छा है बिना टेंशन के अपनी मनमर्जी के मुताबिक जीये।  उसने भी यही मन बना लिया। जिसमें उसकी मजबूरियां मुस्कुराहट के नकाब  में छुप जाने वाली थी। और वह खुद एक सुनहरी रेशमजाल में गोथे लगाने वाली थी। जब मन किया तब मौज, और जब मन किया तब छुट्टी। अचानक फिर से ब्रेक का धक्का लगा जिसने उसे फिर से संकेत की बगल में ला पटका।


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6 Comments

hema mohril

22-Jan-2025 02:46 PM

nice

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Arti khamborkar

19-Dec-2024 03:59 PM

v nice

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Varsha_Upadhyay

30-Sep-2023 10:26 PM

Nice one

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